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जामिया मिल्लिया इस्लामिया में सत्रारम्भ कार्यक्रम संपन्न

हिंदी विभाग समिति ने किया नवागुन्तकों का स्वागत 

7 सितम्बर, 2017 
डॉ. एम. ए. अंसारी सभागार, जा.मि.इ.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के मानविकी एवं भाषा संकाय की हिंदी विभाग समिति ने अपने सत्रारम्भ कार्यक्रम के द्वारा सत्र 2017-2018 के नवागुन्तक छात्रों का स्वागत किया। कार्यक्रम विश्वविद्यालय के डॉ. एम. ए. अंसारी सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर आधारित एक छोटी सी फिल्म के प्रदर्शन से हुई। यह फिल्म हिंदी विभाग के मास मिडिया के अंतिम वर्ष के छात्रों के सफल प्रयासों का परिणाम थी। 

डॉ. मुकेश मिरोठा ने मुख्य अतिथि सुश्री रमणिका गुप्ता एवं सभी अध्यापकों का औपचारिक परिचय देते हुए मंच पर आमंत्रित किया। सभी छात्रों ने तालियां बजाकर मुख्य अतिथि एवं अध्यापकों का दिल खोलकर स्वागत किया। विभागाध्यक्ष प्रो• हेमलता महिश्वर ने सुश्री रमणिका गुप्ता को एक प्रतीक चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया। एम. ए. प्रथम वर्ष के छात्र आस मोहम्मद ने संकायअध्यक्ष प्रो. वहाजुद्दीन अल्वी को  गमला भेंट कर के स्वागत किया।


विद्याथियों को सम्बोधित करते हुए सुश्री रमणिका गुप्ता 
तत्पश्चात हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हेमलता महिश्वर ने स्वागत भाषण दिया। अपने वक्तव्य में उन्होंने जामिया के छात्रों एवं अध्यापकों के बीच के रिश्ते की जीवन्तता का उल्लेख किया। प्रो. महिश्वर ने कहा, "मैं देखती हूँ कि हमारे अध्यापक किसी भी जगह छात्रों की समस्याओं एवं प्रश्नों पर चर्चा करने लगते हैं फिर चाहे वह विभाग का प्रांगण हो या चलता हुआ रास्ता। इससे यह पता चलता है कि हमारे अध्यापकों के लिए छात्र प्राथिमकता हैं।" अध्यापकों के इसी गुण से लाभ उठाने की सलाह देते हुए प्रो. महिश्वर बोलीं, "मैं चाहती हूँ कि सभी छात्र अध्यापकों के इस गुण का पूर्ण लाभ उठाएं और कैंपस में एक जीवंत अकादमिक वातावरण को बरक़रार रखें।"

कार्यक्रम में मानविकी एवं भाषा संकाय अध्यक्ष प्रो. वहाजुद्दीन अल्वी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। अपने वक्तव्य में उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की विशिष्ट एवं उन्नत अकादमिक संस्कृति का उल्लेख किया। प्रो. अल्वी ने मुख्या अतिथि लेखिका एवं पत्रकार सुश्री रमणिका गुप्ता का विस्तृत परिचय दिया। प्रो. अल्वी ने बताया, "सुश्री रमणिका जी ने दलित, आदिवासी और स्त्री अस्मिता पर उल्लेखनीय कार्य किया है। सुश्री रमणिका ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिंदी विभाग को दस लाख की पुस्तकें अनुदानस्वरूप भेंट की हैं। जामिया के हिंदी विभाग ने सुश्री रमणिका जी के सम्मान में एक 'रमणिका अनुसन्धान प्रकोष्ठ' की स्थापना की है।"

अपनी लम्बी बिमारी के बावजूद सुश्री रमणिका गुप्ता ने कार्यक्रम में शिरकत की और विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। मुख्य अतिथि ने बताया कि जामिया के अध्यापकों एवं छात्रों ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से उनकी पत्रिका 'युद्धरत आम आदमी' को लाभान्वित किया है। सुश्री रमणिका ने कहा, "हमारी पत्रिका का उद्देश्य सामाजिक विषमताओं पर विमर्श करना है। इसके लिए हमने आदिवासी, दलित एवं स्त्री अस्मिता साहित्य पर विशेषांक प्रकाशित किए हैं। अनेक भाषाओं के दलित, स्त्री और आदिवासी साहित्य को एकत्रित किया। बहुत सारे अनुवादकों ने बिना मेहनताने के अपना योगदान दिया था।"

सुश्री रमणिका ने बताया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अलावा अन्य तीन संस्थानों में पुस्तकों का अनुदान किया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों के लिए अनुसन्धान सामग्री को सुगम बनाना है। कार्यक्रम का अंत विभाग की प्रोफेसर साद ए. कहकशाँ के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।  समस्त  कार्यक्रम संचालन हिंदी विभाग समिति संयोजक डॉ.  मुकेश मिरोठा ने किया। कार्यक्रम में हिंदी विभाग के मास मिडीया और हिंदी साहित्य पाठ्यक्रमों के तीनों वर्ष के विद्यार्थी शामिल हुए।  

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