तुमने कहा था
तुम्हें सफर पर जाना था
और तुम कश्ती लेकर
निकल पड़े
निकल पड़े
अकेले
लेकिन तुम भूल गए थे
कि तुम समंदर में उतरे थे
और कश्तियाँ
समुद्र के थपेड़े सहने को न बनी थीं
और कश्तियाँ
समुद्र के थपेड़े सहने को न बनी थीं
सागर में तो जहाज़ ही विचरते हैं,
तुम भूल गए थे
कि
लम्बी दूरी के लिए जहाज़ होता है
और जहाज़
कोई अकेला नहीं चला सकता
उसके लिए तो चाहिए
"एक टीम"
तुम भूल गए थे
कि
लम्बी दूरी के लिए जहाज़ होता है
और जहाज़
कोई अकेला नहीं चला सकता
उसके लिए तो चाहिए
"एक टीम"
Very true Asif bhai... Awesome line..
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