हर जगह खून के धब्बे नज़र आते हैं
यहाँ रक्षक भी मुझे भक्षक नज़र आते हैं
ये खादी नहीं गरीबों का कफ़न है दोस्तों
ये रहनुमाँ भी मुझे दुश्मन नज़र आते हैं
कैसे आख़िर मुआफ़ करूँ इन्हें यारों
ये काबिल मुझे क़ातिल नज़र आते हैं
क्यों करूँ दुआ कैसे फ़रियाद
ये देवता मुझे पत्थर नज़र आते हैं
मुश्किल है यकीं करना क्योंकि
ये भेड़ें मुझे भेड़िये नज़र आते हैं
Very well written
ReplyDeleteGood one
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