मैं आईना
तुम पत्थर
जितने टुकड़े मेरे
उतने अक्स तुम्हारे
तुम पत्थर
जितने टुकड़े मेरे
उतने अक्स तुम्हारे
मैं सागर तट की रेत
तुम बालक अबोध समान
जितना रौंदों मुझको
उतने चिह्न तुम्हारे
तुम बालक अबोध समान
जितना रौंदों मुझको
उतने चिह्न तुम्हारे
मैं घट का जल
तुम पनिहारी डगर की
जितना बाँटो मुझको
उतने बिम्ब तुम्हारे
तुम पनिहारी डगर की
जितना बाँटो मुझको
उतने बिम्ब तुम्हारे
मैं ढाप मृदंग की
तुम वादक की थाप
जितने वार हों मुझपर
उतने सुर तुम्हारे
तुम वादक की थाप
जितने वार हों मुझपर
उतने सुर तुम्हारे
मैं ईंधन की लकड़ी
तुम अग्नि विकराल
जितनी खपत हो मेरी
उतने रूप तुम्हारे
तुम अग्नि विकराल
जितनी खपत हो मेरी
उतने रूप तुम्हारे